उत्तराखंड: गवाहों की सुरक्षा कानून को रद्द करने के लिए कैबिनेट की मंजूरी

0
48

साक्षी संरक्षण अधिनियम 2020 होगा निरस्त

उत्तराखंड सरकार ने गवाहों की सुरक्षा से जुड़े पहले कानून यानी उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम 2020 को रद्द करने का निर्णय लिया है। रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसके निरसन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब मानसून सत्र में सरकार उत्तराखंड साक्षी संरक्षण अधिनियम (निरसन) विधेयक विधानसभा में पेश करेगी।

नए कानून के अनुरूप बनेगी योजना

दरअसल, पिछले वर्ष 1 जुलाई से पूरे देश में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (बीएनएसएस) लागू की जा चुकी है। बीएनएसएस की धारा 398 में गवाहों की सुरक्षा के लिए साक्षी संरक्षण योजना लागू करने का स्पष्ट प्रावधान है। इसी के तहत अब उत्तराखंड में नई योजना लागू करने की तैयारी की जा रही है।

Ads

क्यों रद्द करना पड़ा पुराना कानून

प्रदेश में 2020 से लागू साक्षी संरक्षण अधिनियम सीआरपीसी के प्रावधानों के आधार पर प्रभावी था। लेकिन बीएनएसएस लागू होने के बाद अब पुराने कानून का अस्तित्व समाप्त माना जा रहा है। ऐसे में गृह विभाग ने इसे निरस्त करने का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने रखा। गहन विचार-विमर्श के बाद इसे रद्द करने की मंजूरी दी गई।

आगे की प्रक्रिया

विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने के बाद उत्तराखंड में गवाहों की सुरक्षा के लिए बीएनएसएस की धारा 398 के तहत नई साक्षी संरक्षण योजना लागू की जाएगी। इसमें गवाहों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए विस्तृत प्रावधान तय किए जाएंगे।