पंचतत्व में विलीन हवलदार सते सिंह बिष्ट, अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

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देहरादूनः गढ़वाल राइफल के हवलदार सते सिंह बिष्ट के बलिदान पर सैकड़ों लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी। रविवार सुबह एम्स ऋषिकेश की मोर्चरी से बलिदानी का पार्थिव शरीर उनके निवास कोटी अठुरवाला लाया गया। जहां बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों ने बलिदानी की अंतिम यात्रा पर पुष्प अर्पित करते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी।

वहीं सरकार की ओर से पहुंचे सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी व विधायक बृजभूषण गैरोला के साथ ही सैन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर बलिदानी का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड सैन्य भूमि है। यहां के जवानों ने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान किया है। सरकार बलिदानी के परिवार के साथ खड़ी है और जो भी मदद सरकार की ओर से होगी वह परिवार के लिए की जाएगी ।

विदित है कि 42 वर्षीय हवलदार सते सिंह बिष्ट का निधन शुक्रवार को जम्मू कश्मीर के तुंगधार में सैन्य अभियान के दौरान बर्फ के पहाड़ से अचानक पैर फिसलने के चलते काफी चोटिल होने के कारण हो गया था। इसकी सूचना के बाद से ही उनके घर व आसपास क्षेत्र में लोग शोकाकुल थे।

मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान देने वाले सते सिंह बिष्ट अपने परिवार में पत्नी संगीता, दो बेटी जिसमें स्वाति, महक व एक पुत्र अयान को अपने पीछे छोड़ गए हैं।