2029 तक भारत में 5G मोबाइल यूजर्स की संख्या 860 मिलियन से अधिक हो जाएगी। एक रिपोर्ट ने यह कहा है। सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेटिव (PLI) स्कीम की वजह से भारत में 5G यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 13 करोड़ या 130 मिलियन भारत में 5G यूजर्स हैं। वहीं, भारत में 100 करोड़ से अधिक लोग मोबाइल फोन हैं। भारत की टेलीकॉम इंडस्ट्री दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी है।
Prabhudas Liladhar की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान सरकार द्वारा संचालित PLI स्कीम से भारतीय टेलीकॉम इंडस्ट्री लाभ उठाया है। रैपिड ग्रोथ को देखने के लिए यह पीएलआई कार्यक्रम भारतीय टेलीकॉम सेक्टर को बढ़ा रहा है।
PLI स्कीम का हो रहा फायदा
PLI स्कीम के तहत 12,195 करोड़ रुपये टेलीकॉम इक्वीपमेंट मैन्युफैक्चरिंग और नेटवर्किंग प्रोडक्ट के लिए दिए गए हैं। इसके अलावा 4,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त इंसेंटिव इस PLI स्कीम के तहत डिजाइन मैन्युफेक्चरिंग के लिए दिए जाएंगे। वित्त वर्ष 2025 में टेलीकॉम इक्वीपमेंट मैन्युफेक्चरिंग का एक्सपोर्ट 10,500 करोड़ रुपये के पार जाने का अनुमान लगाया गया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की PLI स्कीम की वजह से देश में 19,500 डायरेक्ट जॉब्स क्रिएट किए गए हैं और यह देश के इकोनॉमी को बूस्ट करने में मदद कर रहा है। इसके अलावा इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में टेलीकॉम कंपनियों का एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर (ARPU) फिलहाल 208 रुपये है, जो वित्त वर्ष 2027 तक 286 रुपये तक पहुंच सकता है।
जिस तरह से भारत में डेटा कंज्यूम किया जा रहा है, टेलीकॉम सेक्टर में एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर में ग्रोथ देखा जा सकता है। इसका फायदा टेलीकॉम कंपनियों को होगा। इस समय भारत में ओवरऑल टेलीडेनसिटी 85.64 प्रतिशत है, जिसमें ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्र में टेलीडेनसिटी 59.92 प्रतिशत पहुंच गया है, जो 2014 में 44 प्रतिशत था। इसके अलावा शहरी क्षेत्र की टेलीडेनसिटी अब 134.13 प्रतिशत तक पहुंच गया है।