जंगल की आग पर काबू पाने को लेकर सरकार का प्लान

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प्रदेश सरकार जंगल की आग बुझाने पर वनाग्नि प्रबंधन समितियों को 25 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये का इनाम देगी। विशेष परिस्थितियों में हेलिकॉप्टर भी उपयोग किया जाएगा। यह वन मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है।

यहां वन मुख्यालय के मंथन सभागार में मीडिया से वार्ता करते हुए, उन्होंने यह बात कही। वन मंत्री ने कहा कि जनसहभागिता के बिना जंगल की आग को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। 541 वनाग्नि प्रबंधन समितियों को ग्राम प्रधानों की अध्यक्षता में बनाया गया है, जिन्हें सीजन के लिए 30 से 30 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है; उत्कृष्ट कार्य करने वाली 13 वनाग्नि प्रबंधन समितियों को एक लाख रुपये, 13 समितियों को 50 से 50 हजार रुपये और 13 समितियों को 25 से 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

वन मंत्री ने बताया, जंगल में आग लगने की तीन प्रमुख वजह है। किसान खेतों में खरपतवार जलाते हैं। दूसरा जंगल में जलती बीडी, सिगरेट फेंकने एवं तीसरा शरारती तत्वों की ओर से जंगल में आग लगाने से वनाग्नि की घटनाएं होती हैं। शरारती तत्वों से सख्ती से निपटा जा रहा है। अब तक 23 मामलों में 29 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है।

वहीं, अज्ञात मामलों की संख्या 173 है। कहा, मैन पावर की कमी न हो इसके लिए इस साल 1392 वन कर्मियों की तैनाती की गई है, जबकि 3,983 फायर वाचर तैनात किए जाएंगे। वन मंत्री ने यह भी कहा, सरकार ने फॉरेस्ट फ्रेंडली पॉलिसी बनाई है। वन पंचायत भूमि पर कृषिकरण को मंजूरी दी गई है, जबकि ईको टूरिज्म के तहत लोगों को रोजगार दिया जा रहा है।बारिश से जंगलों की आग के मामलों में राहत

बारिश से जंगलों की आग के मामलों में मामूली राहत मिली है। 26 अप्रैल को वनाग्नि की 31 घटनाएं सामने आई थी, लेकिन 27 अप्रैल को वनाग्नि घटनाओं में कुछ कमी आई है। वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को प्रदेशभर में वनाग्नि की 23 घटनाएं हुई हैं। इसमें 16 कुमाऊं और सात गढ़वाल मंडल के वन क्षेत्रों की है। इसे मिलाकर अब तक वनाग्नि की घटनाएं बढ़कर 598 हो गई है।