पदक के लिए याद आए अपने: पलायन कर चुके खिलाड़ी, राष्ट्रीय खेलों उत्तराखंड का मान बढ़ाएंगे

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2024 में उत्तराखंड में पहली बार राष्ट्रीय खेल होंगे। विशेष रूप से, इन खेलों में दूसरे राज्यों से खेल रहे कई खिलाड़ी अपने मूल राज्य उत्तराखंड लौटने को तैयार हैं, क्योंकि वे राज्य को पदक तालिका में सर्वश्रेष्ठ दस राज्यों में शामिल करना चाहते हैं।

उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डीके सिंह ने बताया कि संघ ने सभी खेल एसोसिएशनों को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य के बाहर खेल रहे खिलाड़ियों से 15 दिन के भीतर संपर्क किया जाए। इस पर कुछ खिलाड़ी सहमत हैं।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खेल विभाग को अगले वर्ष होने वाले राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड को शीर्ष 10 राज्यों में शामिल करने का लक्ष्य दिया है। खेल विभाग और खेल एसोसिएशनों ने इसके लिए प्रशिक्षण शुरू किया है।

उत्तराखंड के खिलाड़ियों को राज्य छोड़कर अन्य राज्यों में खेलने के लिए आमंत्रित किया जाता है। उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डीके सिंह ने कहा कि इस पर उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है। विभिन्न राज्यों से खेल रहे कुछ खिलाड़ी उत्तराखंड लौटने को तैयार हैं। पवन बड़थ्वाल और कपिल पोखरिया, जो मूल रूप से उत्तराखंड से हैं और बॉक्सिंग में सर्विसेज से खेलते हैं, उत्तराखंड से खेलेंगे।

खिलाड़ियों ने कहा कि वे गोवा से बॉक्सिंग खेलते हैं, बीएसएफ से जूडो खेलते हैं, शुभम सीआरपीएफ से वॉलीबाल खेलते हैं और अंकिता ध्यानी, एक एथलीट, इस साल होने वाले राष्ट्रीय खेलों में अपने राज्य से खेलने को तैयार हैं। राज्य के अन्य खिलाड़ियों से भी इस बारे में बातचीत हुई है। खिलाड़ियों ने इस पर सहमति दी है। राष्ट्रीय खेलों से पहले, राज्य के बाहर से खेल रहे खिलाड़ियों की सूची बनाई जाएगी और उनके लिए प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएंगे।

राज्य के खिलाड़ियों की प्रतिष्ठा से जुड़ा है सवाल

खेल विभाग और खेल एसोसिएशनों का कहना है कि राज्य में पहले खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाएं नहीं थीं, इसलिए बहुत से खिलाड़ी भाग गए। लेकिन आज कई सुविधाएं हैं। राष्ट्रीय खेलों में विजेता खिलाड़ियों को सीधे सरकारी नौकरी मिलती है। राज्य के खिलाड़ियों की प्रतिष्ठा राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने से जुड़ी हुई है।