प्रदेश की किसी भी बहन-बेटी को कोई परेशानी हो तो मेरे कार्यालय से संपर्क करे। यह कहना है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का। उन्होंने यह बात यहां गढ़ी कैंट में आयोजित रक्षाबंधन समारोह में कही। सीएम ने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि उनकी परेशानी का संज्ञान लेकर उसका निस्तारण कर एक भाई होने का कर्तव्य निभा सकूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समारोह में वह मुख्यमंत्री नहीं बल्कि भाई के रूप में मौजूद हैं। सरकार ग्रामीण महिलाओं की आजीविका में वृद्धि के लिए जल्द ही जल सखी योजना शुरू करने जा रही है। इसके साथ ही पेयजल आपूर्ति का काम महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपने की भी तैयारी की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में नए कनेक्शन, बिल वितरण, बिल वसूली और योजनाओं के रखरखाव का काम आउटसोर्स के आधार पर महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की महिलाओं की ओर से बनाए गए उत्पादों की वैश्विक पहचान बनी है। सरकार ने तीन जैसी कुप्रथा का अंत करने के साथ, नारी शक्ति वंदन अधिनियम, शौचालयों के निर्माण, आवास योजनाओं के तहत महिलाओं को प्राथमिकता, मातृत्व अवकाश में वृद्धि एवं बेटियों के लिए सेना और सैनिक स्कूलों का रास्ता खुलवाकर उन्हें सशक्त बनाने का काम किया है।
