देहरादून। अन्तर्राष्ट्रीय क्लीनिकल ट्रायल दिवस (20 मई) के अवसर पर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में एक अत्याधुनिक क्लीनिकल ट्रायल एवं रिसर्च सेंटर का विधिवत शुभारंभ किया गया। उल्लेखनीय है कि यह अस्पताल उत्तराखंड और पश्चिम उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा चिकित्सा संस्थान है, जहाँ वर्ष 2016 से ही क्लीनिकल ट्रायल पर कार्य आरंभ हो चुका था।
इस नवीन केंद्र के माध्यम से चिकित्सक और शोधकर्ता भविष्य में उपयोग में लाई जाने वाली आधुनिक दवाओं की प्रभावशीलता और सुरक्षा को पहले ही समझ सकेंगे, जिससे मरीजों को समय पर और प्रभावी उपचार मिल सकेगा। इस केंद्र में किए जाने वाले शोध और अनुसंधान का प्रत्यक्ष लाभ आम मरीजों को प्राप्त होगा।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज़ के निदेशक प्रो. डॉ. मनोज कुमार गुप्ता, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उत्कर्ष शर्मा, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय पंडिता और डॉ. गौरव रतूड़ी, तथा वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अमित मैत्रेय द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
क्लीनिकल ट्रायल यूनिट के निदेशक और कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. तनुज भाटिया ने जानकारी दी कि इस केंद्र में नवाचार आधारित दवाओं पर गहन शोध किए जाएंगे। क्लीनिकल रिसर्च के अंतर्गत किसी नई दवा, टीके या उपचार पद्धति की सुरक्षा और प्रभावशीलता का वैज्ञानिक परीक्षण किया जाता है जिसे ही ‘क्लीनिकल ट्रायल’ कहा जाता है।
इस समय श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के क्लीनिकल ट्रायल एंड रिसर्च सेंटर में अनेक विशेषज्ञ आधुनिक दवाओं पर शोध कार्य में संलग्न हैं, जिनमें शामिल हैं:
- डॉ. जगदीश रावत (वरिष्ठ छाती एवं श्वास रोग विशेषज्ञ), जिन्होंने अस्थमा पर आधारित शोध से सैकड़ों रोगियों को राहत दिलाई है।
- डॉ. विवेक रोहिल्ला (गुर्दा रोग विशेषज्ञ) और डॉ. तनुज भाटिया, जो अत्याधुनिक दवाओं पर अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
- डॉ. मोहन ध्यानी एवं डॉ. शोभित गर्ग (वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ),
- डॉ. नीति कुमारी (त्वचा एवं यौन रोग विशेषज्ञ),
- डॉ. रोहिताश शर्मा (वरिष्ठ न्यूरो फिजिशियन),
- और डॉ. प्रशांत शारदा (इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट)।
इस आधुनिक अनुसंधान केंद्र की स्थापना से उत्तर भारत में चिकित्सा शोध को नई दिशा मिलेगी और आमजन को स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित हो सकेगा।