Uttarakhand प्रदेश: विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष होगी, जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा

0
70

सरकार ने देश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को देखते हुए उनकी सेवानिवृत्ति की अधिवर्षता 60 से 65 वर्ष करने का फैसला किया है। इसके अलावा, विशेषज्ञ चिकित्सकों का अलग वर्ग बनेगा। जो प्रस्ताव शीघ्र ही कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।

शनिवार को सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग की उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अध्यक्षता दी। जिसमें विभाग में प्रदेश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए अलग कैडर बनाने, वेतन बढ़ाने और सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 65 वर्ष करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए एक सप्ताह के भीतर विभागीय अधिकारी प्रस्ताव बनाकर शासन को प्रस्तुत करेंगे। जो आगामी कैबिनेट में प्रस्तावित होगा।

Ads

सभी 1300 पदों पर टेक्नीशियन की जरूरत

इसके अलावा, विभाग में डॉक्टरों के रिक्त पदों के सापेक्ष नियत वेतनमान पर डॉक्टरों की तैनाती और एमबीबीएस डॉक्टरों को पीजी कोर्स करने के लिए विकल्प देने का भी निर्णय लिया गया। इसका प्रस्ताव कैबिनेट में भी प्रस्तुत किया जाएगा। डॉ. रावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में तकनीकी संवर्ग में 1300 पद रिक्त हैं, जबकि पहले कैबिनेट ने विभाग को केवल 250 पद भरने की अनुमति दी थी। जबकि विभाग पूरे राज्य में 1300 पदों पर तकनीशियनों की जरूरत है।

कॉलेजों में सुपर स्पेशिलिस्टों का बढ़ेगा वेतनमान

सूबे के विभिन्न राजकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के 156 पद रिक्त हैं। सचिवालय में विभागीय उच्च स्तरीय बैठक ने इन पदों को भरने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 62 वर्ष निर्धारित की है। चिकित्सा शिक्षा विभाग इस प्रस्ताव को शासन को भेजेगा। राज्य ने पहले ही कैबिनेट कर्मचारियों के लिए अधिकतम आयु सीमा निर्धारित की है। सूबे के मेडिकल कॉलेजों को आने वाले समय में 53 प्रोफेसर और 103 एसोसिएट प्रोफेसर मिल सकेंगे।